कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डेटा (Data) को इनपुट के रूप में स्वीकार करती है, उसे निर्देशों के अनुसार प्रोसेस करती है, और फिर उपयोगी जानकारी (Information) को आउटपुट के रूप में प्रस्तुत करती है। चाहे वह आपका लैपटॉप हो, स्मार्टफोन हो, या कोई बड़ा सर्वर—हर कंप्यूटर इन्हीं चार बुनियादी कार्यों के सिद्धांत पर काम करता है:
- इनपुट (Input)
- प्रोसेसिंग (Processing)
- आउटपुट (Output)
- स्टोरेज (Storage)
आइए, इन चारों कार्यों को विस्तार से समझते हैं:
1. इनपुट (Input): डेटा स्वीकार करना
इनपुट कंप्यूटर के साथ संवाद (Communication) शुरू करने का पहला चरण है। यह वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से डेटा (असंसाधित तथ्य और आंकड़े) और निर्देश को बाहरी दुनिया से कंप्यूटर में दर्ज किया जाता है।
- कार्य: कंप्यूटर को वह डेटा या कमांड देना जिस पर उसे काम करना है।
- उदाहरण: जब आप कीबोर्ड पर कोई अक्षर टाइप करते हैं, माउस से किसी आइकॉन पर क्लिक करते हैं, या माइक्रोफ़ोन में कुछ बोलते हैं—तो ये सभी इनपुट हैं।
- इनपुट डिवाइस: कीबोर्ड (Keyboard), माउस (Mouse), स्कैनर (Scanner), माइक्रोफ़ोन (Microphone), टचस्क्रीन (Touchscreen), वेबकैम (Webcam) आदि।
2. प्रोसेसिंग (Processing): डेटा पर कार्य करना
इनपुट मिलने के बाद, कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू होता है: प्रोसेसिंग (संसाधन)। यह वह चरण है जहाँ कच्चे डेटा को निर्देशों के आधार पर उपयोगी जानकारी (Information) में बदला जाता है।
- कार्य: डेटा पर गणितीय (Arithmetic) और तार्किक (Logical) ऑपरेशन करना।
- जिम्मेदार कंपोनेंट: इस कार्य के लिए मुख्य रूप से सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) ज़िम्मेदार होती है, जिसे कंप्यूटर का मस्तिष्क (Brain) भी कहा जाता है।
- प्रक्रिया: CPU, इनपुट डिवाइस से प्राप्त डेटा को मेमोरी (RAM) में लोड करता है। फिर, वह प्रोग्राम के निर्देशों को पढ़ता है और डेटा में हेरफेर (Manipulate) या गणनाएँ (Calculations) करके उसे संसाधित करता है।
3. आउटपुट (Output): परिणाम दिखाना
प्रोसेसिंग पूरी होने के बाद, कंप्यूटर तैयार की गई जानकारी को यूज़र तक पहुँचाता है। इस परिणाम को प्रदर्शित करने की प्रक्रिया को आउटपुट कहते हैं।
- कार्य: संसाधित (Processed) जानकारी को यूज़र को दिखाना, या किसी अन्य डिवाइस को भेजना।
- उदाहरण: स्क्रीन पर टेक्स्ट या इमेज दिखना, प्रिंटर से दस्तावेज़ प्रिंट होना, या स्पीकर से आवाज़ आना।
- आउटपुट डिवाइस: मॉनिटर (Monitor), प्रिंटर (Printer), स्पीकर (Speaker), प्रोजेक्टर (Projector), हेडफ़ोन (Headphones) आदि।
4. स्टोरेज (Storage): डेटा को सहेजना
कंप्यूटर द्वारा संसाधित की गई जानकारी को तुरंत प्रदर्शित किया जा सकता है (आउटपुट), लेकिन भविष्य के उपयोग के लिए उसे स्थायी रूप से (Permanently) या अस्थायी रूप से (Temporarily) सहेजना भी आवश्यक होता है।
- कार्य: डेटा, प्रोग्राम और प्रोसेसिंग के परिणामों को रखना ताकि उन्हें बाद में पुनः प्राप्त (Retrieve) किया जा सके।
स्टोरेज के दो मुख्य प्रकार:
💡 कार्य चक्र (The Cycle)
कंप्यूटर के ये चारों कार्य एक निरंतर चक्र (Cycle) में होते हैं। इसे IPOS चक्र (Input-Processing-Output-Storage Cycle) कहा जाता है:
- यूज़र इनपुट देता है।
- प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) डेटा को संसाधित करती है।
- परिणाम आउटपुट डिवाइस पर प्रदर्शित होता है।
- डेटा और प्रोग्राम को स्टोरेज में सहेज लिया जाता है।
यह IPOS चक्र ही हर कंप्यूटर का मूल आधार है, जिसके बिना कोई भी डिजिटल मशीन काम नहीं कर सकती।























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