What is BAMS (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) and how to do it?
BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) क्या है और इसे कैसे करें?
BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) आयुर्वेद में स्नातक डिग्री है। यह प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के सिद्धांतों और उपचार विधियों पर आधारित होता है। BAMS डिग्री प्राप्त करने के बाद, व्यक्ति आयुर्वेदिक चिकित्सक (डॉक्टर) बन सकता है और आयुर्वेदिक उपचारों को सही तरीके से लागू कर सकता है।
BAMS की मुख्य बातें:
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पाठ्यक्रम का उद्देश्य: BAMS का उद्देश्य छात्रों को आयुर्वेदिक चिकित्सा, हर्बल उपचार, पंचकर्म, शल्य चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल के अन्य पहलुओं में गहरी समझ प्रदान करना है। इसके तहत शरीर की रचना, शारीरिक कार्य, और आयुर्वेदिक दवाओं का अध्ययन किया जाता है।
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पाठ्यक्रम की अवधि: BAMS डिग्री 5.5 साल की होती है, जिसमें 1 साल का इंटर्नशिप भी शामिल होता है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को आयुर्वेद के बारे में गहन और व्यापक शिक्षा प्रदान करता है।
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विषय: BAMS के पाठ्यक्रम में आयुर्वेद के सिद्धांत, शारीरिक रचनाविज्ञान, आयुर्वेदिक दवाओं का अध्ययन, रोगों के निदान और उपचार, पंचकर्म, और आयुर्वेदिक सर्जरी जैसे विषय शामिल होते हैं।
BAMS कैसे करें?
BAMS करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होते हैं:
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शैक्षिक योग्यता:
- 10+2 (उच्चतर माध्यमिक): BAMS करने के लिए उम्मीदवार का 10+2 (पारिस्थितिकी और जीवविज्ञान) में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त होना चाहिए।
- उम्मीदवार के पास भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान विषय होने चाहिए।
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प्रवेश प्रक्रिया:
- किसी विश्वविद्यालय/कॉलेज में प्रवेश: BAMS में प्रवेश के लिए आमतौर पर प्रवेश परीक्षा ली जाती है। कुछ प्रमुख परीक्षा जैसे NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट) का आयोजन होता है, जिसके द्वारा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
- कुछ संस्थान अपने खुद के प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित करते हैं।
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पाठ्यक्रम और इंटर्नशिप:
- BAMS डिग्री में पहले तीन साल में मुख्य रूप से आयुर्वेद के सिद्धांत, शारीरिक रचनाविज्ञान, रोगों के निदान और आयुर्वेदिक दवाओं का अध्ययन होता है।
- चौथे और पांचवे वर्ष में क्लिनिकल अभ्यास और पंचकर्म जैसी उपचार विधियों का गहन अध्ययन कराया जाता है।
- इंटर्नशिप के दौरान छात्रों को वास्तविक जीवन में रोगियों का इलाज करने का अनुभव प्राप्त होता है।
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समाप्ति के बाद करियर:
- आयुर्वेदिक चिकित्सक: BAMS के बाद आप आयुर्वेदिक चिकित्सक (डॉक्टर) बन सकते हैं और आयुर्वेदिक उपचार दे सकते हैं।
- आयुर्वेदिक क्लिनिक: आप अपना खुद का आयुर्वेदिक क्लिनिक खोल सकते हैं।
- शोध और विकास: आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार विधियों पर शोध करने का अवसर।
- स्वास्थ्य और जीवनशैली मार्गदर्शन: आयुर्वेद में स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आहार और जीवनशैली पर परामर्श देना।
BAMS करने के प्रमुख फायदे:
1. सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के अवसर
- BAMS स्नातकों को सरकारी और निजी अस्पतालों में नौकरी के अवसर मिलते हैं।
- आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) के तहत सरकारी आयुर्वेदिक अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होने का मौका मिलता है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) और अन्य सरकारी योजनाओं में भी BAMS स्नातकों की भर्ती होती है।
2. स्वयं का आयुर्वेदिक क्लिनिक खोलने की स्वतंत्रता
- BAMS करने के बाद, आप अपना खुद का आयुर्वेदिक क्लिनिक या पंचकर्म सेंटर खोल सकते हैं।
- आप हर्बल और आयुर्वेदिक उपचारों के माध्यम से लोगों का इलाज कर सकते हैं।
3. आयुर्वेदिक चिकित्सा का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
- आयुर्वेद की मांग भारत के अलावा विदेशों में भी बढ़ रही है।
- BAMS स्नातकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्रों में काम करने के अवसर मिल सकते हैं।
- कई विदेशी विश्वविद्यालय और संस्थान आयुर्वेद पर शोध कर रहे हैं, जहां आप उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
4. आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का मिश्रण
- BAMS कोर्स में आधुनिक चिकित्सा (Anatomy, Physiology, Pathology, Surgery) और आयुर्वेदिक चिकित्सा दोनों का अध्ययन कराया जाता है।
- इससे छात्र आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का संयोजन करके बेहतर इलाज कर सकते हैं।
5. रिसर्च और उच्च शिक्षा के अवसर
- BAMS करने के बाद आप आयुर्वेद में एमडी (MD in Ayurveda), पीएचडी (PhD in Ayurveda) या अन्य रिसर्च प्रोग्राम कर सकते हैं।
- रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आयुर्वेदिक दवाओं और चिकित्सा विधियों पर अध्ययन किया जा सकता है।
6. फार्मास्युटिकल और आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माण में करियर
- आप आयुर्वेदिक दवा कंपनियों में जॉब कर सकते हैं। जैसे:
- पतंजलि आयुर्वेद
- डाबर
- बैद्यनाथ
- हिमालया
- इन कंपनियों में आयुर्वेदिक औषधियों, हेल्थ प्रोडक्ट्स और सौंदर्य उत्पादों के निर्माण और मार्केटिंग में काम करने का अवसर मिलता है।
7. पंचकर्म विशेषज्ञ (Panchakarma Specialist) बनने का अवसर
- BAMS स्नातकों को पंचकर्म चिकित्सा में विशेषज्ञता प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
- पंचकर्म थेरेपी भारत और विदेशों में योग, नेचुरोपैथी और वैकल्पिक चिकित्सा केंद्रों में बहुत लोकप्रिय हो रही है।
8. वैकल्पिक चिकित्सा और योग के साथ करियर के अवसर
- BAMS के साथ-साथ आप योग, नेचुरोपैथी, और होम्योपैथी में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
- आप योग ट्रेनर, नेचुरोपैथी विशेषज्ञ, या वेलनेस कंसल्टेंट बन सकते हैं।
9. समाज सेवा और स्वास्थ्य जागरूकता में योगदान
- BAMS करने के बाद आप ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करके समाज सेवा कर सकते हैं।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा के माध्यम से आप बिना साइड इफेक्ट वाले प्राकृतिक उपचारों के बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं।
10. स्थिर और सम्मानजनक करियर
- आयुर्वेदिक डॉक्टरों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे BAMS स्नातकों को सुरक्षित और सम्मानजनक करियर मिलता है।
- BAMS करने के बाद आप एक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में समाज में पहचान बना सकते हैं।
निष्कर्ष:
BAMS आयुर्वेद के गहरे ज्ञान और चिकित्सा पद्धतियों को समझने का एक बेहतरीन अवसर है। यदि आप आयुर्वेद में रुचि रखते हैं और एक पेशेवर आयुर्वेदिक चिकित्सक बनना चाहते हैं, तो BAMS आपके लिए एक अच्छा करियर विकल्प हो सकता है।