चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सरकारी विभागों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary Action) को अनिश्चितकाल तक लंबित नहीं रखा जा सकता। अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसी जांच और कार्यवाही निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरी की जानी चाहिए, ताकि प्रशासनिक पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित हो सके।
⚖️ हाई कोर्ट का सख्त रुख
न्यायमूर्ति दीपक सिब्बल और न्यायमूर्ति संजय वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि “विभागीय कार्रवाई का उद्देश्य केवल दंड नहीं, बल्कि प्रशासनिक अनुशासन और जवाबदेही को बनाए रखना है।”
अदालत ने उन मामलों पर चिंता जताई जहां अनुशासनात्मक जांच वर्षों तक लंबित रहती है, जिससे कर्मचारियों का करियर प्रभावित होता है और प्रशासनिक दक्षता पर सवाल उठते हैं।
🕒 निर्धारित समयसीमा तय करने का निर्देश
अदालत ने सरकारों (पंजाब व हरियाणा) से कहा है कि वे अनुशासनात्मक जांच की एक निश्चित समयसीमा तय करें और सभी विभागों को इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश दें।
इसके साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर व्यक्तिगत जवाबदेही (Personal Accountability) तय की जानी चाहिए।
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📑 मामले की पृष्ठभूमि
यह निर्देश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आया जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने यह तर्क दिया था कि उसके खिलाफ विभागीय जांच पिछले कई वर्षों से लंबित है।
अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए यह टिप्पणी की कि “न्याय में देरी, न्याय से वंचित करने के बराबर है।”
🏛️ सरकारी तंत्र में सुधार की दिशा
हाई कोर्ट का यह फैसला सरकारी कार्यप्रणाली में प्रशासनिक सुधार (Administrative Reforms) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस निर्णय से न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा होगी बल्कि विभागों में जवाबदेही भी बढ़ेगी।
💬 कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से राज्य सरकारों पर यह दबाव बनेगा कि वे जांच प्रक्रियाओं को समयबद्ध (Time-Bound) करें।
यह निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण पेश कर सकता है।
❓FAQ सेक्शन:
Q1. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है?
👉 कोर्ट ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय समयसीमा में पूरी होनी चाहिए।
Q2. यह आदेश किन राज्यों पर लागू होगा?
👉 पंजाब और हरियाणा सरकार दोनों पर लागू होगा।
Q3. अगर विभाग देरी करता है तो क्या होगा?
👉 कोर्ट ने कहा है कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जाए।
Q4. यह आदेश किसने दिया?
👉 यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की खंडपीठ ने दिया है।
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