मकर संक्रांति, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक

मकर संक्रांति, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक

(Makar Sankranti, one of the major festivals of India)

मकर संक्रांति भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है: जिसे हर साल 14 जनवरी या 15 जनवरी को मनाया जाता है। पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और उत्तरायण होने का प्रतीक है मकर संक्रांति। यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें तारीख को पड़ता है और इस कारण हर साल इसी तारीख पर मकर संक्रांति मनाई जाती है। मकर संक्रांति में खिचड़ी का विशेष महत्व है मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने की परंपरा कई धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारणों से जुड़ी हुई है। खिचड़ी को सूर्य और शनि गृह से जुड़ा हुआ माना जाता है। खिचड़ी के साथ तिल-गुड़ का सेवन किया जाता है, जो पाचन और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी दान करना बहुत शुभ माना जाता है। गंगा स्नान और खिचड़ी दान का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी है।

मकर संक्रांति का अर्थ और नाम

  • मकर: इसका मतलब है मकर राशि (Capricorn)।
  • संक्रांति: इसका अर्थ है “संक्रमण” या “परिवर्तन”।
  • इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है।

भारत के विभिन्न राज्यों में यह त्योहार अलग-अलग नामों से मनाया जाता है:

  • उत्तर भारत: मकर संक्रांति
  • पंजाब: माघी
  • तमिलनाडु: पोंगल
  • गुजरात और राजस्थान: उत्तरायण
  • असम: भोगाली बिहू
  • महाराष्ट्र: मकर संक्रांति (तिल-गुड़ विशेष)

धार्मिक मान्यताएं

  1. भगवान विष्णु और राक्षसों का विनाश:
    इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का संहार किया था। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
  2. महाभारत से संबंध:
    भीष्म पितामह ने अपनी मृत्यु के लिए उत्तरायण का इंतजार किया। यह दिन मोक्ष प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
  3. गंगा का महत्व:
    मान्यता है कि इस दिन गंगा जी, भागीरथ के प्रयासों से कपिल मुनि के आश्रम तक पहुंची थीं। इसलिए, गंगा स्नान का महत्व है।

भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व

  • फसल कटाई का पर्व:
    मकर संक्रांति नए फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। इसे किसानों के लिए विशेष खुशी का समय माना जाता है।
  • उत्तरायण:
    इसे “देवताओं का दिन” कहा जाता है। माना जाता है कि इस समय से सूर्य देव का तेज बढ़ता है।

राज्यों में मकर संक्रांति का उत्सव

  1. महाराष्ट्र:
    • महिलाएं “हल्दी-कुमकुम” का आयोजन करती हैं।
    • तिल और गुड़ बांटने की परंपरा।
  2. गुजरात:
    • “उत्तरायण” का पर्व मनाया जाता है।
    • बड़े पैमाने पर पतंगबाजी होती है।
  3. पंजाब और हरियाणा:
    • इस दिन को “माघी” कहते हैं।
    • लोहड़ी की आग जलाकर प्रसन्नता प्रकट की जाती है।
  4. तमिलनाडु:
    • “पोंगल” के रूप में मनाया जाता है।
    • फसल कटाई और घर में नई समृद्धि लाने का त्योहार।
  5. बिहार और उत्तर प्रदेश:
    • “खिचड़ी पर्व” के रूप में जाना जाता है।
    • खिचड़ी और दही का भोजन विशेष होता है।
  6. असम:
    • इसे “भोगाली बिहू” कहा जाता है।
    • फसल के भंडारण और नई फसल की शुरुआत का उत्सव।

तिल और गुड़ का महत्व

  1. स्वास्थ्य लाभ:
    • सर्दियों में तिल शरीर को गर्म रखने में मदद करता है।
    • गुड़ पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है।
  2. सांकेतिक अर्थ:
    • तिल (कड़वाहट) और गुड़ (मिठास) जीवन में संतुलन का प्रतीक हैं।
    • इसे बांटकर लोगों को आपसी प्रेम बढ़ाने का संदेश दिया जाता है।

विशेष परंपराएं

  • गंगा स्नान:
    प्रयागराज, वाराणसी और हरिद्वार जैसे स्थानों पर लाखों श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं।
  • दान-पुण्य:
    चावल, तिल, कंबल, और अन्न का दान किया जाता है।
  • पतंग उत्सव:
    गुजरात और राजस्थान में पतंगबाजी को जीवन के उत्साह का प्रतीक माना जाता है।

मकर संक्रांति पर संदेश और शुभकामनाएं

  • “सूरज की किरणें आपकी जिंदगी को उज्जवल करें।”
  • “तिल-गुड़ की मिठास से आपका जीवन मधुर हो।”
  • “मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं!”

निष्कर्ष

मकर संक्रांति न केवल धार्मिक महत्व का त्योहार है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यह पर्व हमें कर्म और सकारात्मकता की सीख देता है और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीवन जीने का संदेश देता है।

“आप सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं!”

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