साइबर सुरक्षा पर AI का हमला: ₹70,000 करोड़ का नुकसान और 550% वृद्धि – डीपफेक का बढ़ता जाल और बचाव के तरीके
हम एक ऐसे डिजिटल युग में जी रहे हैं जहाँ हमारी आँखें और कान धोखा खा सकते हैं। जेनरेटिव AI
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हम एक ऐसे डिजिटल युग में जी रहे हैं जहाँ हमारी आँखें और कान धोखा खा सकते हैं। जेनरेटिव AI
डिजिटल मार्केटिंग की दुनिया में, इंफ्लुएंसर मार्केटिंग पिछले एक दशक से ब्रांड प्रमोशन का एक प्रमुख टूल रहा है। हालाँकि,
भारत हमेशा से अंतरिक्ष अनुसंधान में एक अग्रणी राष्ट्र रहा है, लेकिन अब यह केवल उपग्रह (Satellites) लॉन्च करने तक
पिछले कुछ वर्षों में, भारत की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा संरचनात्मक बदलाव देखने को मिला है। जो देश एक समय
डिजिटल मार्केटिंग का क्षेत्र हमेशा नवाचार (Innovation) की अग्रिम पंक्ति पर रहा है। 2024-2025 में, जेनरेटिव AI (Generative AI) टूल्स,
हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ टेक्नोलॉजी हर पल बदल रही है। कुछ साल पहले, फ्लॉपी डिस्क
आज के आधुनिक दौर में, वियरेबल टेक्नोलॉजी (Wearable Technology) — जैसे स्मार्टवॉच, फिटनेस बैंड और ईयरबड्स — हमारी जीवनशैली का
क्वांटम कंप्यूटिंग एक अभूतपूर्व टेक्नोलॉजी है जो सूचना को परमाणु और उप-परमाणु स्तर के सिद्धांतों का उपयोग करके संसाधित (Process)
भारत अब केवल क्रिकेट प्रेमियों का देश नहीं रहा; यह दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते गेमिंग हब में से
भारत में 5G तकनीक का रोलआउट अब केवल तेज़ इंटरनेट स्पीड तक सीमित नहीं है; यह देश को इंडस्ट्री 4.0