भारत में AI Training Programs for Educators – शिक्षकों को अगली पीढ़ी का शिक्षक कैसे बनाया जा रहा है ?

Published on: November 7, 2025
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भारत में शिक्षा के बदलते परिदृश्य के लिए, शिक्षकों को AI-सक्षम बनाना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बन गया है। शिक्षा मंत्रालय की पहल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप, NCERT, CBSE और यहाँ तक कि IIT जैसे शीर्ष संस्थान भी शिक्षकों के लिए व्यापक AI प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं, जैसे कि NISHTHA और DIKSHA प्लेटफॉर्म पर मॉड्यूल। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को AI साक्षरता प्रदान करना और उन्हें AI टूल्स (जैसे Gemini, या सामग्री निर्माण के लिए विशिष्ट टूल) का उपयोग करके कक्षा में व्यक्तिगत शिक्षण को बढ़ावा देने में सक्षम बनाना है। हालांकि डिजिटल डिवाइड और बुनियादी ढांचे की चुनौतियों का सामना करना अभी बाकी है, लेकिन ये प्रशिक्षण यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय शिक्षक प्रशासनिक कार्यों से मुक्त होकर, छात्रों के आलोचनात्मक चिंतन और 21वीं सदी के कौशल को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें, जिससे वे AI-तैयार कार्यबल का निर्माण कर सकें। आज के समय में शिक्षा सिर्फ कंटेंट बांटने तक सीमित नहीं है टेक्नोलॉजी तेजी से शिक्षा के हर हिस्से में आ रही है। विशेष रूप से, Artificial Intelligence (AI) शिक्षकों के लिए एक नया कौशल बन चुका है।

शिक्षकों के पास अब यही मौका है कि वे सिर्फ पाठ पढ़ाने वाले नहीं बल्कि AI-टूल्स इस्तेमाल करने वाले और डिजिटल युग के विशेषज्ञ शिक्षक बने। इसके लिए AI Training Programs उन्हें तैयार करती हैं।


क्यों शिक्षकों के लिए AI-प्रशिक्षण ज़रूरी है ?

  • AI आधारित शिक्षण उपकरण तेजी से स्कूल-कॉलेज में आ रहे हैं।

  • सरकार की नीतियाँ (जैसे NEP 2020) और टेक्नोलॉजी ट्रेंड्स शिक्षकों से डिजिटल दक्षता की उम्मीद कर रही हैं।

  • छात्र अब सिर्फ किताबों से नहीं बल्कि इंटरैक्टिव, AI-सहायित लर्निंग प्लेटफॉर्म्स से सीखना चाहते हैं।

  • यदि शिक्षक AI-स्किल रखते हैं, तो वे सीखने के अनुभव को बेहतर बना सकते हैं, व्यक्तिगत सीखने का अनुभव दे सकते हैं और अपने छात्रों को भविष्य-योग्य बना सकते हैं।


भारत में उपलब्ध प्रमुख AI Training Programs for Educators

नीचे कुछ प्रमुख प्रोग्राम्स दिए जा रहे हैं जिन्हें भारत में शिक्षकों के लिए चलाया जा रहा है:

 A. upEducators + Google for Education साझेदारी

  • इस पहल के तहत भारत भर में 10,000+ शिक्षकों को AI-लिटरेसी प्रशिक्षण दे रहा है।

  • प्रशिक्षण में AI टूल्स (जैसे Gemini, Notebook), प्रॉम्प्ट राइटिंग, नैतिक उपयोग (ethical use) शामिल हैं।

  • K-12 स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों दोनों के शिक्षक इसके अंतर्गत आ सकते हैं।

B. IIT Kanpur – “AI Essentials for Educators”

  • 20 घंटे की लाइव ऑनलाइन ट्रेनिंग, बिना पूर्व प्रोग्रामिंग ज्ञान के।

  • जनरेटिव AI, NLP, वेरिएबल डेटाबेस आदि जैसे आधुनिक विषय शामिल।

C. STTAR – “Transformative Teaching with AI”

  • लगभग 3 महीने ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स।

  • शिक्षक, प्राचार्य, यूनिवर्सिटी विभागाध्यक्ष आदि के लिए।

D. STEMIndia – AI & Robotics Certification for Educators

  • 3 महीने का कोर्स, AI, रोबोटिक्स और कोडिंग पर फोकस।

  • ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प दोनों मौजूद हैं।


ऐसे चुनें सही AI Training प्रोग्राम

शिक्षक को किस तरह का प्रोग्राम चुनना चाहिए, इसके लिए कुछ सुझाव:

  • प्रोग्राम की अवधि और लोड देखें — क्या आप अपने स्कूल-टाइम के साथ कर सकते हैं?

  • परिणामस्वरूप प्रमाणपत्र (Certification) — क्या यह मान्यता प्राप्त है?

  • कोर्स कंटेंट किस विषय पर है — केवल परिचय या गहराई में?

  • प्रायोगिक (Hands-on) प्रशिक्षण — सिर्फ थ्योरी नहीं बल्कि प्रैक्टिकल टूल्स।

  • प्री-रिक्वायरमेंट्स — क्या पहले से कोडिंग या AI का ज्ञान चाहिए?

  • शुल्क और सुविधा — ऑनलाइन vs ऑफलाइन, फीस कितनी, संसाधन दिए जाएंगे या नहीं।

  • भविष्य-योग्यता — शिक्षकों को यह स्किल आगे चलकर कैसे मदद करेगी?


प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को क्या लाभ मिलता है ?

  • AI टूल्स के इस्तेमाल से कक्षा का अनुभव बेहतर बन जाता है।

  • लर्नर-सेंट्रिक (Learner-centric) शिक्षण संभव होता है जहाँ हर छात्र के अनुसार योजना बने।

  • शिक्षकों को अधिक आत्मविश्वास मिलता है टेक्नोलॉजी उपयोग में।

  • विद्यालय/संस्थान में शिक्षक को उन्नत भूमिका मिल सकती है (Digital Coordinator, AI Mentor आदि)।

  • शिक्षक अपने करियर को डिजिटल शिक्षा-मार्गदर्शक (Digital Educator) की दिशा में ले सकते हैं।


चुनौतियाँ और सावधानियाँ

  • कुछ स्कूलों में डिजिटल संसाधन (इंटरनेट, उपकरण) कम हो सकते हैं, जिससे प्रशिक्षण को लागू करना कठिन।

  • AI प्रशिक्षण को अपनाना सिर्फ टीचर-केवल नहीं, बल्कि संस्थान-ल evel समर्थन भी चाहिए।

  • शिक्षक को AI सिस्टम-प्रयोग के दौरान नैतिक और डेटा-प्राइवेसी पहलुओं से अवगत होना चाहिए।

  • कुछ प्रोग्राम्स का खर्च ज्यादा हो सकता है, इसलिए बजट ध्यान में रखें।


भविष्य की दिशा

  • भारत में स्मार्ट क्लासरूम, AI टूल्स और शिक्षण प्लेटफॉर्म्स तेजी से बढ़ रहे हैं।

  • शिक्षकों को आने वाले समय में AI-फर्स्ट शिक्षक (AI-first educator) बनने की संभावना है।

  • राज्य और केंद्र सरकारें AI प्रशिक्षण को विद्यापीठों और स्कूलों में अनिवार्य बना रही हैं।

  • भविष्य में शिक्षण-पद्धति में एआई + मानव शिक्षक का संयोजन अधिक सामान्य होगा।


शिक्षकों के लिए आज AI प्रशिक्षण सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन चुकी है। वहीं सही प्रोग्राम चुनकर, शिक्षक अपनी शिक्षा-प्रक्रिया को बदल सकते हैं और छात्रों के लिए सीखने को अद्वितीय बना सकते हैं। AI प्रशिक्षित शिक्षक केवल पाठ नहीं पढ़ाता; वह भविष्य तैयार करता है।

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