8वां वेतन आयोग

8वां वेतन आयोग
(8th Pay Commission)

8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में संशोधन के लिए गठित किया जाएगा। यह आयोग हर 10 साल में वेतन ढांचे की समीक्षा करता है और सिफारिशें देता है, जिसे सरकार लागू करती है।

8वें वेतन आयोग के मुख्य बिंदु:

1. गठन और उद्देश्य:

  • गठन: 8वां वेतन आयोग 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यकाल (2016-2026) के बाद गठित होगा।
  • उद्देश्य: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा और बढ़ोतरी का सुझाव देना।

2. संभावित सिफारिशें:

  • फिटमेंट फैक्टर:
    • 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
    • 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 3.68 करने का प्रस्ताव हो सकता है। इससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹26,000 हो सकता है।
  • महंगाई भत्ता (DA):
    • महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
    • इसे महंगाई के स्तर के आधार पर संशोधित किया जाता है।

3. प्रभाव:

  • वेतन वृद्धि: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में 44% तक की वृद्धि हो सकती है।
  • जीवन स्तर सुधार: इससे कर्मचारियों और उनके परिवारों की क्रय शक्ति में सुधार होगा।
  • आर्थिक प्रभाव: इससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।

4. कार्य और प्रक्रिया:

  • अध्ययन और रिपोर्ट: आयोग विभिन्न विभागों से आंकड़े और सुझाव लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा।
  • लागू करने की प्रक्रिया: सिफारिशों को लागू करने में आमतौर पर 1-2 साल का समय लगता है।

5. 8वें वेतन आयोग के लागू होने की तिथि:

  • यदि यह आयोग समय पर गठित होता है, तो इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं।

पिछले वेतन आयोगों का संक्षिप्त विवरण:

वेतन आयोग स्थापना का वर्ष लागू होने का वर्ष फिटमेंट फैक्टर
पहला वेतन आयोग 1946 1946
सातवां आयोग 2014 2016 2.57
आठवां आयोग संभावित 2026 3.68 (संभावित)

 

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